हाथ में कैमरा,बैग गले में जिसके हर वक्त है रहता।
शर्म नाम की चीज नहीं है,सबको बेबी-बेबी कहता।
समझाने से कुछ समझ ना आये, अक्ल बेचकर सबकी खाये।
एक क्विंटल बोझ धरा पर,पर किसी के काम ना आये।
खुद की समझ कुछ आता नही, पर सभी को पाठ पढाये।
बेमतलब सेल्यूट मारे, सब गुरूजन इससे हारे।
दिमाग नाम की चीज नहीं है, हर वक्त सताये और सिर खाये।
क्या चीज खुदा ने बनाई, किसी को कुछ भी समझ न आये।
है यही दुआ और फरीयाद यही, ऐसी बला से भगवान बचाए।
एक बात समझ नहीं आये, क्या सोच के ऐसे नमूने बनाये।
वो खुदा भी रो रहा होगा, अपने इस आविष्कार पर, आंसु बहा रहा होगा।
घरवालों की मत पूछो इसको कैसे झेल रहें होंगे।
हर वक्त इसे दूर रखने की, योजना बुन रहे होंगें।
बंदर बनाना,गधा बनाना,पर ऐसे इंसान धरा पर, ऐ खुदा मत और बनाना।
हे सूनीत सिरखाने भईया, हम पर जरा दया बरसाना।
हम तुम्हारे अपने है, इतना तो ख्याल करना ।
और किसी से तुम नहीं डरते,पर उस खुदा से डरना।
कुछ अच्छाइयां तुझमें भी है, पर वो तेरी कारस्तानी के आगे बहुत छोटी लग रही है।
अब भी वक्त है संभल ले बंधु।
खुद की सोच या मत सोच।
पर हमको तो बख्श दे बंधु।
पर हमको तो बख्श दे बंधु।।
उस खुदा की रहमत देखो, कुछ खूबिया भी बख्सी तुझको।
जिद्द और लगन तुझमें भरी पड़ी है।
थोड़ी सी समझ और सही प्रयास
तेरी नईया पार लगा देंगें।
तु तो तर जाएगा बंधु । हम भी चैन से जी लेंगे।
शर्म नाम की चीज नहीं है,सबको बेबी-बेबी कहता।
समझाने से कुछ समझ ना आये, अक्ल बेचकर सबकी खाये।
एक क्विंटल बोझ धरा पर,पर किसी के काम ना आये।
खुद की समझ कुछ आता नही, पर सभी को पाठ पढाये।
बेमतलब सेल्यूट मारे, सब गुरूजन इससे हारे।
दिमाग नाम की चीज नहीं है, हर वक्त सताये और सिर खाये।
क्या चीज खुदा ने बनाई, किसी को कुछ भी समझ न आये।
है यही दुआ और फरीयाद यही, ऐसी बला से भगवान बचाए।
एक बात समझ नहीं आये, क्या सोच के ऐसे नमूने बनाये।
वो खुदा भी रो रहा होगा, अपने इस आविष्कार पर, आंसु बहा रहा होगा।
घरवालों की मत पूछो इसको कैसे झेल रहें होंगे।
हर वक्त इसे दूर रखने की, योजना बुन रहे होंगें।
बंदर बनाना,गधा बनाना,पर ऐसे इंसान धरा पर, ऐ खुदा मत और बनाना।
हे सूनीत सिरखाने भईया, हम पर जरा दया बरसाना।
हम तुम्हारे अपने है, इतना तो ख्याल करना ।
और किसी से तुम नहीं डरते,पर उस खुदा से डरना।
कुछ अच्छाइयां तुझमें भी है, पर वो तेरी कारस्तानी के आगे बहुत छोटी लग रही है।
अब भी वक्त है संभल ले बंधु।
खुद की सोच या मत सोच।
पर हमको तो बख्श दे बंधु।
पर हमको तो बख्श दे बंधु।।
उस खुदा की रहमत देखो, कुछ खूबिया भी बख्सी तुझको।
जिद्द और लगन तुझमें भरी पड़ी है।
थोड़ी सी समझ और सही प्रयास
तेरी नईया पार लगा देंगें।
तु तो तर जाएगा बंधु । हम भी चैन से जी लेंगे।
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