सभी देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

Thursday, August 25, 2011

स्वतंत्रता संघर्ष को जिवित करता अन्ना का आंदोलन

64 वां स्वतंत्रता दिवस पूरे भारत   वर्ष के लिए आजादी की एक नई सुबह लेकर आया जब भ्रष्टाचार  के मुद्दे पर देश अन्ना हजारे के साथ कुछ इस तरह से खड़ा हुआ कि स्वतंत्रता संघर्ष की यादें ताजा हो गई। सड़कों और चौराहों पर होते भारत माता के जयघोष आसमां में गूंजते   इंकलाब जिंदाबाद के नारे अहिंसक रूप से विकराल रूप धारण करती लोगों की भीड़ ,तिरंगे के रंग में रंगे बच्चे, बूढ़े  ,जवान और महिलाएं उत्साह से ठीक वैसे ही परिपूर्ण नजर आए जैसा अक्सर महात्मा गांधी के आंदोलनों में नजर आता था। स्वतंत्रता के 64 वर्षों के इतिहास में यह पहला अवसर है जब पूरा देश किसी मुददे पर एक साथ उठ खड़ा हुआ है। 72 वर्षीय अन्ना हजारे की देश में चली आंधी को देखकर तो यही लगता है कि यह वह उबाल है जो वर्षों से हर भारतीय  के दिल में दबा हुआ था और बस किसी चिंगारी भर  का इंतजार कर रहा था। अन्ना ने भ्रष्टाचार से आहत जनता की नब्ज टटोली तो यह चिंगारी बारूद बनकर भड़क  उठी । इस चिंगारी में  कितनी आग है इसकी झलक हम महानगरों की सड़को से लेकर गांव की गलियों तक में देख सकते हैं।

 अन्ना हजारे ने खुद इसे आजादी की दूसरी लड़ाई करार दिया है। स्वतंत्रता के बाद ऐसा जनसंघर्ष कुछ हद तक जय प्रकाश नारायण के आंदोलन में जरू र देखने को मिला था लेकिन जो जनसमर्थन अन्ना ने हासिल किया उसे देखकर हर कोई दंग है। हो भी  क्यों नहीं  उम्र के सात दशक पार कर चुके इस समाजसेवी के चेहरे के भावों  में जो तेज और हौसलों में जो बुलंदी है उसने भारत की सोई आत्मा को फिर से जगा दिया है। अन्ना ने पूरे भारत वर्ष को एकता के सूत्र में पिरो दिया है आज देश की तस्वीर को देखकर लगता है वाकई भारत बदल रहा है। अब यहां के लोग देशहित के मुद्दे पर बिना किसी भेद  भाव  के एकसाथ लड़ने को उत्सुक है। 

   हाथों में आजादी की मशाल लिए और मन में जनलोकपाल बिल को पास करवाने का जज्बा लिए लोगों का समर्थन अन्ना के पक्ष में विकराल रूप लेता जा रहा है। 72 वर्षीय अन्ना के आगे सरकार अब बेबस नजर आ रही है। आलम ये है कि सत्तापक्ष के एमपी और एमएलए धीरे धीरे अन्ना की बातों में अपना समर्थन देने लगे हैं । जब से अन्ना की टीम ने सांसदों और मंत्रियों के आवासें पर धरना देने का फरमान सुनाया है तब से सांसदों और मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब ये लोग अपने अपने क्षेत्रों में अपनी साख बचाने के लिए जनलोकपाल बिल पर अपना स्टेंड स्पष्ट करने को मजबूर है ये लोग किसी भी किमत पर जनसमर्थन नहीं खेना चाहेंगें ।

  अनशन से लगातार बढ़ती कमजोरी ने उनके शरीर को जरूर कमजोर बना दिया है परंतु उनके चेहरे पर वो जोश अब भी नजर आता है जिसन पूरे हिंदुस्तान को उनके साथ खड़ा कर दिया है अन्ना ने यहां तक कह दिया है कि उन्हें मरने का डर नहीं है क्योंकि उनकी मौत से हजारों अन्ना खड़े होंगे उनकी किडनी में कुछ खराबी आई है उसपर अन्ना का कहते है कि यदि उनकी किडनी खराब भी हो गई तो उन्हें किडनी देने वाले बहुत हैं। अन्ना कि यही जज्बा और जोश उनके जनसमर्थन को बढ़ाता जा रहा है।

अनशन का अंजाम चाहे जो  हो लेकिन जो जोश और जज्बा अन्ना व उनके समर्थको में नजर आ रहा है उससे तो यही लग रहा है कि देर सबेर सरकार को झुकना ही पड़ेगा और अच्छा होगा यदि सरकार आवाम की  इस मांग को समय रहते पूरा करें अन्यथा सरकार और देश दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है । आज हर कोई भ्रष्टाचार से परेशान है क्योंकि एक आम आदमी को आए दिन इसका शिकार होना पड़ता है अब जब अन्ना ने लोगों को इससे मुक्ति दिलाने का सपना दिया है तो लोगों की भावनाएं  मूर्त रूप लेकर सामने आ रही है। सरकार को चाहिए कि वह समय रहते कोई उचित समाधान निकाले और देशवासियों की मांगों पर गंभीरता  से विचार करें।
The Help

Wednesday, August 17, 2011

कर हौसला उठ तो सही

बिछ जाएगी जमीं तेरे कदमों में

झुक जाएगा आसमां भी

खुद पर यकीं कर तो सही

बन जाता है कारवां खुद व खुद

चलने की हिम्मत कर तो सही

रास्ते के कांटे न बनेंगें रूकावट

न थमेंगें कदम न होगी थकावट

एक बार फैसला कर तो सही

रूख हवाओं के बदल जाऐंगे

जो देखेंगे सिहर जाऐंगे

यकीं नहीं होगा खुद को भी

कदम डगर पर रख तो सही

मंजील तेरे कदमों में होगी

खुशियां तेरे पहलु में होगी

होगी दुनिया भी साथ तेरे

कर हौसला उठ तो सही

कर हौसला उठ तो सही

प्रभात इंदौरा

सिरसा

Tuesday, August 16, 2011

एक आजादी और चाहिए

आजादी का जश्न हो लिया पर गुलामी बाकी है
भारत माता कह रही खतरे में आजादी है।
गांधी,आजाद और भगत सिंह अब तुम्हें बनना होगा
वो लोग फिरंगी थे पर तुम्हें अपनों से लड़ना होगा।
कुछ नहीं होगा घर दुबके रहने से,
कर प्रण बाहर निकलना होगा।
ये वक्त है कुछ कर दिखाने का
कांटों भरी इस राह पर तुम्हें
अब नंगें पांव निकलना होगा।
थोड़ी हिम्मत, थोड़ा जज्बा और थोड़ा जुनून चाहिए
भारत माता कह रही है एक आजादी और चाहिए।

Sunday, August 14, 2011

पिंजर बनी सोने की चीड़िया

आजादी के इस पवन अवसर पर सभी हिन्दुस्तानियों को प्रभात का सलाम दोस्तो ये समय सिर्फ जश्न का नहीं हैये हमारे आत्ममंथन का भी समय है की हमने अपने उन महान देशभक्तों की समाधी पर सिर्फ फूल चढाएं है या उनके सपनों को भी हकीकत के पंख दिए हैं या नहीं. इतिहास के पन्ने पलटतें हैं तो विश्वास नहीं होता कि हम उस भारतवर्ष के नागरिक हैं जो कभी सोने की चीड़िया था।
आज जो मंजर हमारे सामने है, उसे देखकर कौन कह सकता है कभी यह पिंजर सोने की चीड़िया रहा होगा। हर तरफ फैला भ्रष्टाचार, भूख और लाचारी से तड़पते लोग, रोजगार की राह देखती करोड़ों आंखे, फुटपाथ पर आशियाने का ख्वाब देखते बेघर, हर तरफ मासूमों के शिकार के लिए घात लगाए बैठी भेडियों की फोज, नेताओं और दबंगों की चक्की में पीसते आजाद भारत के गुलाम परिंदे। ये तस्वीर है मेरे आज के भारत की।
आजादी के छह दसक बाद भी यह तस्वीर क्यों नहीं बदली। कभी-कभी लगता है कि अच्छी थी वो गुलामी, कम से कम अपनों से लुटने का मलाल तो नहीं होता। 2जी स्पैक्ट्रम, काॅमनवैल्थ गैम्स, आदर्स सोसाईटी और अनाज घोटाला हाल ही के जख्म है, इतिहास तो और भी भयानक है। ये सब महाघोटाले अंग्रेजों द्वारा की गई लूट से कहीं बढ़कर है। ये समय है की हम कुछ नया करने का प्रण ले और इस देश को फिर से विश्व का सरताज बनायेंतभी हम वास्तविक आजादी के जश्न को मन के काबिल हो पाएँगे

अलविदा फिरंगी कह गया


हजारों शहिदों की कुर्बानी से आजादी हमें मिली
हमारे मुरझाए होठों पर हंसी तब खिली।
हवा ने बहना छोड़ दिया था
फूल भी खिलना भूल गए थे
वो कुछ ऐसा मंजर था
जिसने देखा वो कांप गए थे।
न हवा में ये रवानी थी
न मस्ती में जवानी थी।
हर लब पर था ताला पड़ा
न आवाज में बुलंदी थी
न गीतो में था मधुर रस
अंग्रेजों के जुल्म सहने को
हर हिंदुस्तानी था बेबस।
पर जब चली हवा इंकलाब की
गौरों का साम्राज्य ढ़ह गया
जब उठी लहर देश प्रेम की
अलविदा फिरंगी कह गया ।
सोने की चिड़िया अब आजादी से चहक रही है
उन्नती और विकास की नई कहानी कह रही है।
प्रभात इंदौरा

Saturday, August 13, 2011

उडो.. की पंख आजाद है


आसमां की ऊंचाई,सागर की गहराई
अंतरिक्ष का विस्तार,मंजील की लंबाई।
अब कु भी असंभव नहीं
दुनिया जिसको मान चुकी
आज फिर दोहराता हूं मैं वही
पैरों की वो बेड़ियां अब बीती बात हुई
देखकर अपनी उडान,
दुनिया भी हैरान हुई
अपनी कोई उम्मीद, कोई सपना
अब अधूरा ना रहेगा
हम हिंदुस्तानी हैं श्रेष्ठ
अब ये हर कोई कहेगा
इस धरा के स्वर्ग पर
आशियाना है अपना
वर्षों के आंशु पोंछकर
सीखा है, हमने हंसना
ये हंसी कभी गुम हो
प्यार अपना कम हो
आजादी के जश्न में झुमों
और मिलकर प्रभात संग
यारों तुम सब यही कहो
आज वक्त है साथ हमारे
उडो की पंख है आजाद तुम्हारे।
....प्रभात इंदौरा

Monday, August 8, 2011

Current Affairs of this Week: 06 Aug 2011 to 113 Aug 2011



International :
In Nepal, ban on smoking in public places comes into effect from 7 August 2011.

In Afghanistan, a probe was launched by the International Security Assistance Force, ISAF, to determine the exact cause of the chopper crash which killed 30 American soldiers

Environment & Ecology.The Report brought out by the Wildlife Institute of India and National Tiger Conservation Authority enlisted the major threats faced by the three tiger reserves in Tamil Nadu

India :
Aeronautical engineer N.S. Prabhakar Naidu among the first batch of aeronautical engineers to graduate from the Madras Institute of Technology (MIT) in 1952, passed awayCorporate/Business Current Affairs August 2011. Larsen & Toubro bagged orders worth $889 million in the hydrocarbon sector from the UAE and Thailand


Economy :
Securities and Exchange Board of India issued a show-cause notice to the country's leading stock exchange, National Stock Exchange (NSE).

Cabinet Committee on Economic Affairs approved a special scholarship programme for BPL students in Jammu & Kashmir to improve literacy and financially boost the BPL students


Science & Technology
British scientists developed an implanted sleeve which can cure diabetes. The new device is called the EndoBarrier.

Science & Technology Current Affairs 2011. German Scientists developed a new software which can accurately detect when crowds are starting to build up to dangerous levels.


Sunday, August 7, 2011

बेटी ने पहुंचाया शिखर तक


प्रभात इंदौरा चंडीगढ़
एक तरफ जहां लोग बेटी को बोझ समझकर भ्रूण हत्या जैसे कुकृत्य में लिप्त हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी सफलता और कामयाबी का सारा क्रेडिट अपनी बेटी को देते हैं। याक्षाी वेडिंग बाजार के ओवनर सतिन्द्र कुमार भी इन्हीें लोगों में से एक है बकौल सतिंद्र वे आज जो कुछ भी है वह सब उनकी बेटी की वजह से है, वे कहते हैं कि वे लोग बहुत नासमझ है जो घर की लक्ष्मी को घर आने से पहले ही परलोक पहुंचा देते हैं।याक्षी वेड्रिग बाजार के नये शो रूम के उदघाटन से पहले सतिन्द्र ने अपनी सफलता के राज दिनभर के साथ सांझा किए।

चंडीगढ़ की खूबसूरती ने किया आकर्षित-
चंडीगढ़ की खूबसूरती के बारे में बहुत कुछ सुना था इसलिए 23 साल पहले मैं अपने शहर करनाल को छोड़कर यहां आया। जब मैं अपने सपनों के इस शहर में आया तो मैं 2 साल का था।यहां के खुले वातारण माहौल और लोगों की जिंदादिली को देखकर कुछ ऐसा करने की इच्छा प्रबलित हुई जिससे मैं यहां के लोगों के सपनों को हकिकत में बदल सकूं।

करियर-
करनाल में मेरे बडे भाई की मनियारी की दुकान थी वे होलसेल का काम किया करते थे। भाई के इस काम से मेरे मन में भी यहीे काम करने का विचार आया इसी के चलते मैंने लगभग 16 वर्षो तक चंडीगढ़ में प्रिति फैशन के साथ काम किया। 1993 में मेरी शादी हो गई।2010 में मैंने सेक्टर 7 स्थित याक्षी वेडिंग बाजार की पार्टनरशिप के साथ सुरूआत की। इस शो रूम का नाम मैंने अपनी छोटी बेटी याक्षी के नाम पर रखा। मैंने राजन वाॅच कंपनी और एक अन्य को फ्रेंचाइजी भी दी।

ट्राइसिटी के सहयोग ने दिया हौसला-
ट्राइसिटी के जिंदादिल लोगों ने मेरे काम की बहुत सराहना की लोगों के प्यार और उनसे मिली सरहना के कारण ही मुझे और मेरे काम को विशेष पहचान मिली। एक समय था जब राजा महाराजा और रानियों की पोशाके हमें आकर्षि करती थी।हर कोई उन जैसे शाही लिबास पाने की कामना करता थ। परंतु इतने महंगे कपड़़़़़़़़़़ेे पहनना हर किसी के बस की बात नहीं होता। जकिन मैं तो लोगों के इसी सपने को साकार करना चाहता था कि महंगे से महंगा लिबास भी हर किसी के पहुंच में हो। और हम खुश हैंे कि हम लोगों को वो सब दे पा रहे हैंे जो कभी सिर्फ उनका सपना था। याक्षी वेडिंग बाजार में हर प्रकार के लिबास रेंट पर उपलब्ध है जिससे लोग कम पैसे शाही लिबास पहनने के आनंद को अनुभव कर सकते हैं।

खास है याक्षी वेडिंग बाजार-
लोगों के सपनों को हकिकत का में बदल रहा हमारा शो रूम अपने आप में बहुत खास है। याक्षी वेडिंग बाजार ही एकमात्र स्थान है जहां से आप किराये पर बिल्कुल नयी पोशाक प्राप्त कर सकते हैं। यहां एक ही छत के नीचे आप अपने मन की कई अन्य वस्तुएं भी खरीद सकते हैं। यहां से खरीददारी करना सपनों को सच करने के समान है। यह शो रूम अपनी तरह का एक विशिष्ट शोरूम है।
8 अगस्त से शो रूम की नयी शाखा की शुरूआत चंडीगढ़ सेक्टर 17डी में हो रही है। इसका नाम भरी मैंने अपनी बेटी याक्षी के नाम पर ही रखा है। खास बात ये है कि इसमें मेरा कोई अन्य हिस्सेदसा नहीं हैं।

पाठकों को संदेश-
मैं पाठकांे से यही कहना चाहूंगा की सपने देखना अच्छा है लेकिन हमें उन्हे पूरा करने के लिए भी दिल से प्रयास करना चाहिए। हमारी समस्या है कि हम सपने तो बडे बडे देखते हैं परंतु उन्हें पूरा करने के लिए कोई विशेष मेहनत नहीं करते और यहीं पर हम मात खा जाते है और हमारे सपने सिर्फ सपने बनकर रह जाते हैं। एक और बात जो मैं विशेष तौर पर कहना चाहुंगा कि कन्या कभी बोझ नहीं होती वे तो हमारा सहारा होती है और घर की लक्ष्मी इसलिए हमें कभी भी कन्या भ्रूण हत्या जैसा कुकृत्य नहीं करना चाहिए और समाज की इस मानसिकता को बदलने के लिए प्रयास करने चाहिए ताकि बेटी को भी जीने का हक मिल सके।



दोस्त

मिल सकता है खुदा भी इबादत से
पर सच्चा दोस्त नहीं मिलता ।
मिले हैं जो चंद दोस्त किस्मत से,
रखना उन्हें हिफाजत से।
हर गम के मरहम हैं वो,
हर खुशी के हिस्सेदार।
उनके संग बिताया हर पल
रखना तुम संजोकर यार।
इस नफरत की दुनिया में,
नहीं मिलेगा ऐसा प्यार।
दोस्त के संग बिताया हर पल
होता है बहुत यादगार।
थाम लेते हैं वो हाथ हमारा
जब भी हो हमारे नजदीक मझदार।
गर कभी रूठ जाए वो
तो प्यार से उसे मनाना।
वो कितना खास है तुम्हारे लिए
उसको यह बताना।
नफरत के अंधियारें में दोस्त है,
सबसे बड़ा सहारा प्रभात।
हर मुश्किल में हर खुशी में
तुम देना उसका साथ।
दोस्त बिन अधूरी है
हर खुशी, हर मस्ती।
दोस्तों से ही है
गुलजार हमारी बस्ती।
ॅफेसबुक हो, ओरकुट हो
या हो गली मोहल्ला।
क्लास रूम की मस्ती हो
या हो कॉलेज का हो-हल्ला
पार्टी की महफिल हो
हो नूरा या सूरा ।
बिन दोस्त के है, ये सब अधूरा



Tuesday, August 2, 2011

खूबसूरती और आधुनिकता का संगम वृंदावन गार्डन

<!--[if gte mso 9]> Normal 0 false false false EN-US X-NONE X-NONE

जमीन की आसमान छूती कीमतें और बढ़ती महंगाई ने लोगों की घर खरीदने की आदतों में व्यापक बदलाव किए हैं। वर्तमान में लोग बड़े बड़े आलीशान घर खरीदने की बजाय रीयल इस्टेट कंपनियों द्वारा बनाए गए फ्लैट को अधिक प्राथमिकता देते हैं परंतु इस क्षेत्र में अनेक विकल्पों की उपलब्धता से लोग असमंजस में रहते हैं कि वे कौनसी कंपनी के फ्लैट खरीदें। हर कोई चाहता है कि उसे अपने घर में तमाम आधुनिक और वैभवशाली सुविधाएं उपलब्ध हो। लोगों की इस आवश्यकता को वृंदावन गार्डन ने बखूबी समझा है। मुकेश गोयल कोलोनाइजर एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मोहाली में निर्मित वृंदावन गार्डन में खूबसूरती आधुनिकता का विशेष ख्याल रखा गया है।

हर सुविधा आपके द्वार-

एनएच-22 के पास वृंदावन गार्डन में केवल भव्य भवन है बल्कि यह योजनाबद्ध तरीके से व्यवस्थित है। इसमें प्राईम रियल एस्टेट’’ के साथ बीएसएनएल पंचकूला ग्रेन मार्केट के कार्यालय, गुरूकुल तथा अन्य अग्रणीय स्कूल, संस्थान मल्टीप्लैक्स होटल मॉल रिटेल चेनस जैसे बिग बाजार, रिलायंस फार्म फ्रैश ईजी डे सभी नजदीक हैं। यही नहीं वृंदावन गार्डन से बैंक एटीएम, पैट्रोल पंप, वेजीटेबल मार्केट रीटेल मॉल, रेस्टोरेंट, होटल अस्पताल बहुत से प्रतिष्ठित स्कूलों में 5 मिनट में पहुंचा जा सकता है। इसी प्रकार यहां से इंटरनेशनल एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, चंडीगढ़ सिटी आईटी पार्क इण्डस्ट्रीयल एरिया, स्टेडियम, गोल्फ कोर्स में 10 मिनट में पहुंचा जा सकता है यह बेमिसाल फ्लैट श्रृंखला चंडीगढ़ एयरपोर्ट से लगभग 7 किमी. तथा रेलवे स्टेशन से 8 किमी. दूरी पर है तथा सैक्टर 20 पंचकूला से पैदल पहुंचने में 2 मिनट का समय लगता है। यहां पर वन अधिनियम के तहत स्थल के साथ कई एकड़ भूमि पर हरा-भरा फार्म फैला हुआ है।

स्वीट होम में वैभवशाली सुविधायें-

वृंदावन गार्डन वहनीय 3 बीएच के वैभवशाली अपार्टमेंट के साथ भव्य स्टाईल, शांत वातावरण, अच्छी कारीगरी तथा आरामदायक सुविधाओं जैसे प्रत्येक अपार्टमेंट में सभी तरह से खुला दृश्य, गार्डन परिदृश्य संपूर्ण सुरक्षा सिस्टम, स्विमिंग पूल इत्यादि का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है। सभी अपार्टमेंट स्टेट आफ आर्ट मोडलर किचन, चार चूल्हे का गैस स्टोव विद्युतीय चिमनी, शयनकक्ष के कपबोर्ड के साथ युक्त है। अपार्टमेंट की योजना वास्तु के अनुसार है। इसलिए वृंदावन गार्डन में रहना एक सुखद अवसर है तथा बहुत कम लोगों को यह अवसर प्राप्त है। इसके अलावा इसमें प्रत्येक फ्लैट में 3 विंडो एसी तथा 1 स्पिलट एसी, सहित गैस पाईप लाईन आधुनिक किचन, चिमनी, डबल बाऊल स्टेनलैस स्टील लिंक, काऊंटर से 2 फुट की ऊंचाई तक चमकदार टाईलें तथा फ्रेम की परत चढ़ी पीतल की फिटिंग्स के साथ मोडलर किचन। आर सिस्टम द्वारा पेय जल वाई-फाई कनैक्शन डीटीएच सुविधा और इंटरकॉम सुविधा सहित ईपीबीएक्स सिस्टम सुविधाएं मौजूद हैं।

संपूर्ण सुरक्षा, पूरा आराम-

सुरक्षा आज एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है हर कोई चाहता है वह अपने घर में पूरी सुरक्षा के साथ रहे। इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए वृंदावन गार्डन में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। यहां पर सीसीटीवी कैमरोें के साथ बहुस्तरीय इलेक्ट्रोनिक्स और फिजिकल सिक्योरिटी के प्रबंध किए गए हैं। घर में आग से सुरक्षा के लिए भी विशेष तौर पर फायर सेफ्टि अरेंजमैंट किए गए हैं। लोगों के आराम के मद्देनजर हर ब्लाॅक में चैड़ी सीढ़ियों के साथ साथ दो दो लिफ्ट की व्यवस्था की गई है। वाहनों की पार्किंग के लिए वृंदावन गार्डन में विस्तृत और सुरक्षित पार्किंग का भी प्रबंध किया गया है। लोगों की सुविधा के मद्देनजर हर फ्लैट में दो दरवाजे रखे गए हैं।

स्व्च्छता स्वास्थय -

वृंदावन गार्डन ने आपके स्वास्थ्य स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा है। यहां का खुला वातावरण हरे भरे पार्क आपको स्वस्थ रखेंगें इसी प्रकार खेल कूद फिटनेस के लिए जोगिंग ट्रेक स्वीमिंग पूल की व्यवस्था की गईइ है इसी प्रकार बच्चों के लिए विशेष तौर पर खेल का मैदान है जहां वे अपने को चुस्त तंदरूस्त रख सकेंगे।

वृंदावन गार्डन के मालिक मुकेश गोयल का कहना है कि हम लोगों को सबसे बेहतर और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने को प्रतिबद्ध है। हमारे फ्लैट पूरी तरह से सुरक्षित और सुविधासंपन्न हैं। हमने पूरा ध्यान रखा है कि लोगों को उनका ड्रीम होम उपलब्ध करवा सकें।