मोक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विद्यार्थियों ने पूछे सवाल
सिरसा, 23 मार्च। अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अलपसंख्यक समुदाय के लिए यूजीसी की कोचिंग योजना एक बहुआयामी योजना है। इस योजना के तहत इन विद्यार्थियों को प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है। इस योजना के तहत विश्वविद्यालय को 1 करोड़ 20 लाख रूपये की गा्रंट उपलब्ध करवाई जानी है। यह बात एससी, एसटी, मैनोरीटी कोचिंग सैल के समनव्यक डा. राजकुमार सिवाच ने मोक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की प्रिंट व साइबर मीडिया कार्यशाला के दौरान इसका आयोजन किया गया ।
डॉ. सिवाच ने बताया की यूजीसी की इस योजना के तहत तीन प्रकार की कोचिंग दी जाती है। पहले प्रकार में रेमिडियल कोचिंग का प्रावधान है। इसके तहत विद्यार्थियों को उनके कोर्स के महत्वपूर्ण विषय अथवा उन विषयों की कोचिंग दी जाती है जिनमें वे कमजोर है। दूसरे प्रकार की कोचिंग में विभिन्न प्रतियोगी परिक्षाओं की कोचिंग को शामिल किया गया है। इसी प्रकार नेट तथा स्लेट की कोचिंग को भी इस योजना में शामिल किया गया है। डा. सिवाच के अनुसार विश्वविद्यालय को अभी तक इस योजना के लिए 60 लाख रूपये प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह योजना 31 मार्च 2012 तक चलेगी। आवश्यकता के अनुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
कोचिंग सैल के समन्वयक ने इस दौरान प्रशिक्षु पत्रकारों के अनेक सवालों के जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की तरफ से अभी तक 400 लैक्चर विद्यार्थियों को इसके तहत दिए गए हैं। कम्युनिकेशन स्किल तथा व्यक्तितत्व विकास की कक्षाओं संबंद्यी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये कक्षाएं भी जल्द ही शुरू करवा दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र छात्राएं भी इस बहुआयामी योजना का लाभ उठा सकते हैं।
कार्यशाला के निदेशक तथा विभागाध्यक्ष वीरेंद्र सिहं चौहान ने विद्यार्थियो को प्रेस कॉन्फ्रेंस की बारीकियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रश्न संक्षिप्त तथा स्पष्ट होने चाहिएं। चौहान ने इस दौरान प्रतिभागियों को व्यक्तित्व विकास के गुर भी सीखाए। कार्यशाला में शिक्षण सहयोगी सन्नी गुप्ता, विकास सहारण, कृष्ण कुमार, राममेहर व सुरेंद्र कुमार भी उपस्थित थे।
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