सभी देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

Sunday, June 19, 2011


चंडीगढ़ दिनभर
19.06.2011
पृष्ठ संख्या 7
फादर्स डे

Saturday, June 18, 2011

. पापा जैसा कोई नहीं

थाम के जिसने हाथ मेरा, चलना मुझे सिखाया
जीवन के हर रंग से अवगत मुझे कराया ।
जीसने जीवन पथ पर हरपल साथ निभाया
मेरी तुतलाती जुबां को जिसने सबल बनाया ।
जब भी मुश्किल डगर पर मे कदम लडखडाए
उसने अपने मजबूत हाथ, मेरी तरफ बाऐ।
जीसने हर हालात में रखा मेरा ख्याल
हमेशा दिया जवाब मैंने जो भी किया सवाल ।
मेरी हर ख्वाहिश जिसने पूरी की हर हाल में
वो है लहराता हुआ वृक्ष, हूँ उसकी एक डाल मैं ।
जिसका आलिंगन प्यार रा एक पल में मुझे मना ले
मन क कि दुनिया की सारी मुस्कान,मेरे होठों पे सजा दे ।
मैं कितनी भी शरारत करूँ

Friday, June 17, 2011

14.06.2011
प्रथम पृष्ठ चंडीगढ़ दिनभर

ऐसा देश था मेरा

सोने की चीड़िया था कभी जो
था विश्व का सरताज कभी
विश्व गुरू कहलाता था जो
करता था जगत पर राज कभी .
था जो देवों की जन्म कभी
संतों की था जो कर्म भूमि कभी
था जहां प्रेम का वास कभी.
जो धरती पर था स्वर्ग कभी
जहां प्रेम की गंगा बहती थी
हर दिल में अनुराग बसता था कभी.
अब सोने की चीड़िया हुई पिंजर
छिना ताज, सीना हुआ जर्जर.
अपनों ने ही घोंपा है मेरे देश के सीने में खंजर
आजादी के बाद भी है , गुलामी का सा मंजर.
गांधी, सुभाष ,भगत के सपने हुए चूर चूर यहां पर
वो प्रेम और त्याग नजर नहीं आता दूर दूर यहां पर.
धर्म और सत्ता के नाम पर अब होते दंगे रोज यहां पर.
हर काम में भ्रष्टाचार और हर चीज में मिलावट
सच्चाई का मिट चुका निशां,हर रिश्ता महज दिखावट.
अनगिनत मुखोटों में लोग भूले असली पहचान यहां
बस रह गई औपचारिकताएं, था गहरा विश्वास जहां.
कहां से चले थे और पहुंच गए प्रभात कहां
अब तुम भी सोचो बंधु प्यारे क्या थे कभी
और क्या हैं अभी ?

. . . प्रभात इंदौरा