सभी देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

Sunday, August 14, 2011

पिंजर बनी सोने की चीड़िया

आजादी के इस पवन अवसर पर सभी हिन्दुस्तानियों को प्रभात का सलाम दोस्तो ये समय सिर्फ जश्न का नहीं हैये हमारे आत्ममंथन का भी समय है की हमने अपने उन महान देशभक्तों की समाधी पर सिर्फ फूल चढाएं है या उनके सपनों को भी हकीकत के पंख दिए हैं या नहीं. इतिहास के पन्ने पलटतें हैं तो विश्वास नहीं होता कि हम उस भारतवर्ष के नागरिक हैं जो कभी सोने की चीड़िया था।
आज जो मंजर हमारे सामने है, उसे देखकर कौन कह सकता है कभी यह पिंजर सोने की चीड़िया रहा होगा। हर तरफ फैला भ्रष्टाचार, भूख और लाचारी से तड़पते लोग, रोजगार की राह देखती करोड़ों आंखे, फुटपाथ पर आशियाने का ख्वाब देखते बेघर, हर तरफ मासूमों के शिकार के लिए घात लगाए बैठी भेडियों की फोज, नेताओं और दबंगों की चक्की में पीसते आजाद भारत के गुलाम परिंदे। ये तस्वीर है मेरे आज के भारत की।
आजादी के छह दसक बाद भी यह तस्वीर क्यों नहीं बदली। कभी-कभी लगता है कि अच्छी थी वो गुलामी, कम से कम अपनों से लुटने का मलाल तो नहीं होता। 2जी स्पैक्ट्रम, काॅमनवैल्थ गैम्स, आदर्स सोसाईटी और अनाज घोटाला हाल ही के जख्म है, इतिहास तो और भी भयानक है। ये सब महाघोटाले अंग्रेजों द्वारा की गई लूट से कहीं बढ़कर है। ये समय है की हम कुछ नया करने का प्रण ले और इस देश को फिर से विश्व का सरताज बनायेंतभी हम वास्तविक आजादी के जश्न को मन के काबिल हो पाएँगे

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