आजादी का जश्न हो लिया पर गुलामी बाकी है
भारत माता कह रही खतरे में आजादी है।
गांधी,आजाद और भगत सिंह अब तुम्हें बनना होगा
वो लोग फिरंगी थे पर तुम्हें अपनों से लड़ना होगा।
कुछ नहीं होगा घर दुबके रहने से,
कर प्रण बाहर निकलना होगा।
ये वक्त है कुछ कर दिखाने का
कांटों भरी इस राह पर तुम्हें
अब नंगें पांव निकलना होगा।
थोड़ी हिम्मत, थोड़ा जज्बा और थोड़ा जुनून चाहिए
भारत माता कह रही है एक आजादी और चाहिए।
भारत माता कह रही खतरे में आजादी है।
गांधी,आजाद और भगत सिंह अब तुम्हें बनना होगा
वो लोग फिरंगी थे पर तुम्हें अपनों से लड़ना होगा।
कुछ नहीं होगा घर दुबके रहने से,
कर प्रण बाहर निकलना होगा।
ये वक्त है कुछ कर दिखाने का
कांटों भरी इस राह पर तुम्हें
अब नंगें पांव निकलना होगा।
थोड़ी हिम्मत, थोड़ा जज्बा और थोड़ा जुनून चाहिए
भारत माता कह रही है एक आजादी और चाहिए।
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