अंतराष्ट्रीय गणित कांग्रेस गणितज्ञों का सबसे बड़ा सम्मेलन है जिसमें दुनिया भर के गणितज्ञ भाग लेते है।हर चार वर्ष पर होने इस सम्मेलन की शुरुआत 1897 में स्वीट्जरलैंड के ज्यूरिख से हुई असल में,1893 में शिकागो में हुए गणितज्ञों के एक सम्मेलन में जर्मनी के दो महान गणितज्ञ फेलिक्स केलिन और जार्ज फीलिप कैंटर ने विश्व के सभी गणितज्ञों के एक होने का आह्वान किया था।वर्ष 1897 में केलिन,एंड्री मार्कोव,ल्यूगी क्लेमोना जैसे गणितज्ञों ने इसकी विधिवत शुरूआत कर दी।हैदराबाद में चल रही अंतराष्ट्रीय गणित कांग्रेस अपने सवा सौ साल के सफर में पहली बार उस देश में हो रही है,जिसने दुनिया को शून्य जैसा गणितीय आधार दिया। 27 अगस्त तक 90 देशों के करीब तीन हजार गणितज्ञ इस कांग्रेस में गणित से जुड़े विभिन्न मु़द्दों पर विचार-विमर्श कर रहेहैं।गणितज्ञोंकी माने,तो गणित के प्रति भय पूरी दुदिया में है। हैदराबाद कांग्रेस की खास बात यह भी है कि यहां इंग्रिड दौबेचिस को अध्यक्ष चुना गया है जो विश्व गणित कांग्रेस के इतिहास में पहली महिला अध्यक्ष है।अंतराष्ट्रीय गणित कांग्रेस का आयोजन अंतराष्ट्रीय गणितीय संघ करता है, जिसका गठन 1951 में हुआ।इससे पहले इस सम्मेलन को आयोजित करने का जिम्मा यूनियन मैथेमेटिक्स इंटरनेशनल के कंधो पर था।
इस सम्मेलन में जहां कई गणितीय प्रश्नों को सुलझाया जाता है,वहीं कई सवाल भी उठाए जाते है।मसलन 1900 के पेरिस सम्मेलन में ही डेविड हिलबर्ट ने अपने चर्चित 23 अनुत्तरित सवाल रखे थे, जिसे अब हिल्बर्ट्स प्राब्लम कहा जाता है।हैदराबाद में चल रहा सम्मेलन इसलिए भी चर्चा में कि यहां विश्ननाथ आनंद ने एक साथ 40 गणितज्ञों के साथ शतरंज की बाजीयां लगाई थी जिसमें 39 को उनहोंने मात दे दी थी और एक बाजी को ड्रा करने में सफल रहा। अंतराष्ट्रीय गणित कांग्रेस का अगला पड़ाव 2014 में दक्षिण कोरिया की राजधानी सिओल में है।
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