थामा लड़खड़ाते कदमों को जीवन को नया आयाम दिया
भटके जो कभी मंजिल से हम हाथ हमारा थाम लिया
हमारे जीवन को सँवारने में जीवन अपना वार दिया
सलाम मेरे उन गुरुजनों को जिन्होंने इतना प्यार दिया
किसी ने ठीक ही कहा है हमारे जीवन में जो महत्व गुरु का है वो किसी अन्य व्यक्ति का नहीं हो सकता। इस धरा पर अगर कहीं भगवान का वास है तो वो सिर्फ गुरु के हृदय में ही हो सकता है। इन्सान कितना नादान है जो अपने गुरु रूपी भगवान को न पहचानकर उसे दूसरी जगहों पर तलाशता रहता है। मैं खुशनसीब हूँ जो मुझे हर कदम पर ऐसे गुरु मिले जिन्होंने मुझे आगे बढ़ने में मदद की। मेरे गुरुओ का जो कर्ज मुझ पर है उसे मैं सात जन्मों में भी नहीं चूका सकता। सबसे पहले मैं शुकरगुजार हूँ मेरे फर्स्ट ग्रेड शिक्षक श्री कमल सिंह का जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया की मुझे जवाहर नवोदय विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिल सका। उनकी शिक्षाएं हमेशा मेरा मार्गदर्शन करती रहेगी। नवोदय में भी मुझे श्री सुरेंदर कुमार, सुरेश कुमार, श्री जोरा सर व आरपी शर्मा जेसे शिक्षक मिले। 2007 में जब bamc में दाखिला लिया तो पहले साल तो लगा जेसे जिंदगी की सबसे बड़ी भूल कर दी परन्तु दूसरे साल विकाश शहारण, कृष्ण कुमार, परमवीर सिंह जैसे गुरुजनों के मार्गदर्शन में जिंदगी को एक नयी दिशा मिली, कभी मुझे मीडिया भी सही लिखना नहीं आता था और आज यही मेरा करियर है। मुझे वो दिन आज भी याद है जब विकाश सर ने 50 बार मीडिया लिखने की सजा दी थी। और कहा था की मीडिया में भाषा ही सबकुछ है, वो सीख आज मुझे बहुत काम आती है, परमवीर और कृष्ण सर आज भी हर कदम पर साथ देने के लिए हमारे साथ है उनसे जब भी हम कुछ पूछ्तें हैं वे हर हल में उसका जवाब देने की कोशिश करतें हैं . ऐसे गुरु किस्मत से ही मिलते हैं । बीए के बाद जब कहीं दाखिला नहीं मिला तो एक बार फिर परेशानी में फंस गया। cdlu में जब सीटें बढ़ी तो दाखिला हुआ। और किस्मत से यहाँ और भी अच्छे गुरु मिले, सर वीरेंदर सिंह चौहान ने जिस तरह से हमें पढ़ाया और मार्गदर्शन किया वो सारी उम्र हमें याद रहेगा। मैं आज जो कुछ भी इसमें उनका मार्गदर्शन मेरे लिए सबसे अहम रहा। उन जैसा गुरु हर किसी की किस्मत में नहीं होता। यहाँ पर सुरेंदर सर, रविंदर चौहान, अमित सांगवान, बाजवा सर और रचना मेम ने जिस तरह से हमें गाइड किया उसके लिए हमेशा हम इनके ऋणी रहेंगे। यहां आरव सर के रूप में हमें एक ऐसा गुरु भी मिला जिन्होंने गुरु से भी बढ़कर एक दोस्त के रूप में हमें गाइड किया और सबसे बड़ी बात तो ये की वो आज भी एक दोस्त की तरह हर कदम पर 24 घंटे हमारा सहयोग करते हैं। मैं अपने इन तमाम गुरुओं का आभारी हूँ और मुझे विश्वास है कि इनका मार्गदर्शन निरंतर मुझे नयी बुलंदियों तक पहुँचाने में मदद करता रहेगा। मेरे सभी गुरुओं को शिक्षक दिवस की लख-लख बधाई .
No comments:
Post a Comment