सभी देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

Tuesday, December 1, 2015

ऐसा मिलेगा कोई, सोचा नहीं था हमने



ऐसे थे बिखरे से, मुश्किल संभलना था,
राहों में भटके थे, अकेले ही चलना था,
टूटी उम्मीदें थी, आंखों में बस पानी था,
एेसे अंधियारों में, होगा उजाला कभी 
सोचा नहीं था हमने,
यूं थाम लेगा कोई, सोचा नहीं था हमने।।
एेसा मिलेगा कोई, सोचा नहीं था हमने।।

जिना भी बोझ सा, लगने लगा था।
खुद का भी साथ खुद से छुटने लगा था।
सपनों का साथ कबसे छुटा हुआ था।
ऐसी रातों के बाद, होगा प्रभात कभी 
सोचा नहीं था हमने, 
फिर अपना लगेगा कोई, सोचा नहीं था हमने।
यूं गले से लगाएगा कोई, सोचा नहीं था हमने।
एेसा मिलेगा कोई, सोचा नहीं था हमने।।

जहां ये सारा हमको, बेगाना सा लगता था,
अपना भी चेहरा हमको, अनजाना से लगता था,
अपनी हकीकत से डर हमको लगने लगा था,
मेरी भावना को इतना, अब समझेगा कोई,
सोचा नहीं था हमने,
एेसा मिलेगा यार हमको, सोचा नहीं था हमने।
ऐसे करेगा परवाह मेरी, सोचा नहीं था हमने।  
एेसा मिलेगा कोई, सोचा नहीं था हमने।।
एेसा मिलेगा कोई, सोचा नहीं था हमने।।

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