नफरत का व्यापार सजा है
मोहब्बत का बस नाम बचा है
काेई खंजर लिए खड़ा है
किसी हाथ में तलवार है
एक दूजे के खून का प्यासा
हो गया सारा संसार है
खोफनाख इस प्रलय से
तुम ही इसे बचाओ ना,
दुनिया को प्रीत की रीत सीखाने
हे कृष्ण! फिर आओ ना।।
खोफ में जी रही है प्रजा तेरी
अधर्म का कोहराम है
दुर्योधन मनमानी कर रहा
कहीं दुशासन के हाथ में
द्रोपदी की लाज है
देखके इंसानों की करतूतें
मानवता शर्मसार है
शर्म, हया और नैतिकता
तुम ही आकर समझाओ ना
इंसान को धर्म का मतलब बताने
हे कृष्ण! फिर आओ ना।।
धर्म युद्ध की बेला में
बिन तेरे अर्जुन अकेला है
सच के साथ लोग गिनती के
एक तरफ दुष्टों की सेना है
पापों के अनजाम से
क्यूं हम सब अनजान है
गीता का संदेश अब
तुम ही आकर दोहराओ ना
सच्चाई की रक्षा करना
हे कृष्ण! फिर आओ ना।।
-प्रभात इंदौरा